हिमाचल से बाहरी राज्यों में जाने के लिए सरकार नहीं उठाएगी खर्च

शिमला

Himachal govt will not bear the cost of sending people to outside states
हिमाचल से दूसरे राज्यों में जाने वाले लोगों को भेजने पर आने वाला खर्च प्रदेश सरकार नहीं उठाएगी। इसके लिए सरकार ने जिन-जिन राज्यों में हिमाचल से लोग जाने हैं, उनसे संपर्क साधना शुरू कर दिया है। नोडल अफसर सभी संबंधित सरकारों से इस बाबत चर्चा कर रहे हैं। दूसरे राज्यों की सरकारें अगर अपने लोगों को ले जाने के लिए पैसा खर्च करने को तैयार नहीं हुईं तो लोगों को स्वयं जाने का इंतजाम करना होगा। हिमाचल से करीब 70 हजार लोगों ने अन्य राज्यों में जाने के लिए पंजीकरण करवाया है।

दूसरे राज्यों में फंसे प्रदेश के लोगों को वापस लाने के लिए हिमाचल सरकार ने नोडल अफसर नियुक्त किए हैं। सरकार सभी राज्यों से प्रदेश के लोगों को अपने खर्च पर ला रही है। इसी तर्ज पर अब हिमाचल से बाहर जाने वाले लोगों को भी सरकार भेजना चाहती है। इसके लिए सभी राज्यों सरकारों से बात चल रही है। कुछ राज्यों ने अभी तक लोगों को वापस बुलाने के लिए दिलचस्पी नहीं दिखाई है। ऐसे में सरकार ने फैसला लिया है कि जो भी राज्य सरकार अपने लोगों की वापसी का इंतजाम नहीं करती है तो उन्हें प्रदेश सरकार अपने खर्च पर भी नहीं भेजेगी।

सबसे ज्यादा 32 हजार उत्तर प्रदेश के लोग
सूत्रों के मुताबिक बाहरी राज्यों में जाने के लिए पंजीकरण करवाने वाले करीब 70 हजार लोगों में से उत्तर प्रदेश के 32 हजार, बिहार के 21 हजार, पश्चिम बंगाल के 2500, पंजाब-मध्य प्रदेश-झारखंड के तीन-तीन हजार, चंडीगढ़ के एक हजार, हरियाणा-उत्तराखंड के डेढ़-डेढ़ हजार लोग हिमाचल के विभिन्न जिलों में फंसे हुए हैं। उत्तर प्रदेश के करीब 18 हजार से ज्यादा लोग सोलन जिला में ही फंसे हुए हैं। अब इन लोगों की घर वापसी का स्वरूप वहां की सरकारों के रुख पर ही तय होगा।

बिहार के लोगों ने उलझा दिया आंकड़ा
हिमाचल से बिहार जाने वाले कई लोगों ने जाने की जगह पोर्टल पर आने के लिए आवेदन कर दिया है। हिमाचल आने के लिए बिहार के लोगों की संख्या अधिक पाए जाने पर जब अफसरों ने संपर्क साधा तो पता लगा कि इन्होंने जाने की जगह गलती से आने का पंजीकरण करवा दिया है। ऐसे लोगों से अब दोबारा से पंजीकरण करवाया जा रहा है।

 

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